धमदाहा में सियासी भूचाल, संतोष कुशवाहा के पाला बदलने से बढ़ी हलचल

Santosh Kushwaha: इन दिनों धमदाहा की राजनीति इस बार बेहद उथल-पुथल में है। पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा के राजद में शामिल होने से सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। जातीय और विकास दोनों ही मुद्दे चर्चा में हैं। 

स्थानीय नेता अपनी रणनीति तय कर रहे हैं, वहीं मतदाता सजग और निर्णायक नजर आ रहे हैं। नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। हर कोई नए उम्मीदवार और चुनावी हलचलों का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।

RJD में शामिल होने से मचा हलचल

कुशवाहा का यह कदम कई लोगों के लिए राजनीतिक दूरदर्शिता के रूप में देखा जा रहा है, वहीं कुछ इसे सत्ता के लिए किए गए विश्वासघात के तौर पर समझ रहे हैं। गाँव के बुजुर्ग और स्थानीय मतदाता भी इस फैसले को बड़े ध्यान से देख रहे हैं और कह रहे हैं कि इस बार चुनाव में न केवल विकास बल्कि राजनीतिक चालाकी का भी परीक्षण होगा।

पूर्णिया जिले में राजनीतिक सियासते बदलने की उम्मीद

इस घटना ने धमदाहा की राजनीति में जातीय समीकरणों को भी प्रमुख बना दिया है। अब हर जगह यह सवाल गूंज रहा है कि कुशवाहा के समर्थक वोट पूरी तरह से राजद के खाते में जाएंगे या पुराने समीकरणों में बदलाव होगा। स्थानीय विश्लेषकों का मानना है कि संतोष कुशवाहा की एंट्री से न केवल धमदाहा बल्कि पूरे पूर्णिया जिले में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।

धमदाहा में इस समय राजनीतिक माहौल उत्सुकता और इंतजार से भरा है। हर कोई जानना चाहता है कि कौन टिकट पाएगा, कौन नाराज होकर मैदान से बाहर होगा और कौन ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभाएगा। इस बार का चुनाव केवल विकास का नहीं, बल्कि भावनाओं, जातीय समीकरण और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा का भी संघर्ष होगा।

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