Purnia News: पूर्णिया जिले के तेलियारी गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। एक नवजात को उसकी माता ने क्रूरता से बोरे में बंद कर बांसवाड़ी में फेंक दिया। भगवान् की महिमा ऐसी थी की नरेश साह और उनकी पत्नी किरण देवी वहां से गुजर रहे थे और बच्चे के रोने की आवाज सुनकर उसे बचा लिया। इसके बाद से उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद दंपति ने निःसंतान बच्चे का पालन-पोषण और इलाज स्वयं वहन करने का फैसला लिया।
पूर्णिया से आई दिल दहला देने वाली घटना
पूर्णिया में हाल ही में एक दिल दहला देने वाली घटना चर्चाओं का विषय बना हुआ है। दरअसल, समाज में मानवता और करुणा की अहमियत को एक फिर को शर्मसार करके रख दिया है। तेलियारी गांव के बांसवाड़ी के पास एक नवजात बच्चे को क्रूरता से फेंका गया था। स्थानीय लोगों से पता चला है कि, नरेश साह नामक एक शख्स जब बांसवाड़ी से गुजर रहे थे तो उन्होंने बंद बोरे के अंदर से बच्चे के रोने की आवाज सुनी दी।
उन्होंने तुरंत अपनी पत्नी किरण देवी को बुलाया और बोरा खोला, तो अंदर एक जिंदा नवजात बच्चा रो रहा था। दम्पति ने बिना देर किये बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया। वहां मौजूद चिकित्सकों ने बच्चे का तुरंत इलाज शुरू किया और उसकी जान बचाई। सबसे खास बात यह है कि निःसंतान दंपति ने इस बच्चे के इलाज का पूरा खर्च स्वयं वहन किया। उन्होंने अस्पताल कर्मियों के सामने भावुक होते हुए कहा कि ईश्वर ने यह बालक उनके लिए भेजा है और वे इसे अपना बच्चा मानकर इसकी देखभाल करेंगे।
नरेश और किरण ने दी मानवता की नई मिशाल
यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि समाज में इंसानियत और करुणा की शक्ति कितनी बड़ी होती है। जबकि एक ओर बच्चे को जन्म देने वाली माँ की क्रूरता ने सबको स्तब्ध कर दिया, वहीं दूसरी ओर नरेश और किरण जैसी साधारण दंपति ने साबित कर दिया कि मानवता में अच्छाई हमेशा जीवित रहती है।
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