Purnia News: विधानसभा चुनाव को लेकर जिले में प्रशासन ने शराब बिक्री और भंडारण पर सख्त रुख अपनाया है। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से लगातार अभियान चलाया जा रहा है, ताकि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके।
1 सितंबर से 7 अक्टूबर तक की कार्रवाई में 447 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 13,012 लीटर से अधिक अवैध शराब जब्त की गई है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि चुनाव अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि या शराब के अवैध कारोबार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त टीमों द्वारा जिले के विभिन्न इलाकों में छापेमारी की जा रही है।
चुनाव से पहले प्रशासन अलर्ट मोड में
जिले के चुनाव आयोग की आचार संहिता लागू होते ही प्रशासन ने शराब तस्करी और नकदी के अवैध उपयोग पर सख्ती बढ़ा दी गई है। जिलों के सभी थानों को चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा सीमावर्ती इलाकों, नेपाल और पश्चिम बंगाल से सटे गांवों में फ्लैग मार्च और पेट्रोलिंग को भी बढ़ा दी गई है।
महज एक महीने में भारी मात्रा में शराब हुई जब्त
पूर्णिया पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के विभिन्न थानों में छापेमारी के दौरान अवैध शराब की कई खेप पकड़ी गईं। इन अभियानों में ग्रामीण और सीमावर्ती इलाकों को विशेष रूप से टारगेट किया गया, जहाँ से नेपाल और बंगाल की सीमा के रास्ते शराब की तस्करी की संभावना रहती है।
447 लोग गिरफ्तार और 13,012 लीटर से ज्यादा शराब किये जब्त
पूर्णिया पुलिस ने 1 सितंबर से 7 अक्टूबर 2025 के बीच में कुल 447 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके आलावा, 13,012 लीटर ज्यादा देशी और विदेशी दोनों शराब भी जब्त किये है। साथ ही, जिला पुलिस ने कई स्थानों पर वाहनों, घरों और गोदामों से भी शराब की खेप बरामद की है।
पूर्णिया जिला क्यों है सेंसिटिव?
दरअसल, पूर्णिया बिहार के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित है और नेपाल व पश्चिम बंगाल की सीमाओं से भी जुड़ा हुआ है। ऐसे में यहां हर चुनाव से पहले तस्करी और शराब कारोबार पर प्रशासन को पूरी तरह से अलर्ट किया जाता है। ताकि, चुनाव को शान्ति पूर्वक कराया जाए। इसके लिए जिला पुलिस ने पहले से ही स्पेशल टीम और मॉनिटरिंग यूनिट्स तैनात कर दिए हैं।
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